पाकिस्तान और मिस्र ने अपने लंबे समय से ठप पड़े द्विपक्षीय रिश्तों को फिर से मजबूत करने का फैसला किया है। दोनों देशों ने अर्थव्यवस्था, व्यापार, संस्कृति और रक्षा सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। यह महत्वपूर्ण बदलाव मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलाती की दो दिवसीय इस्लामाबाद यात्रा के दौरान सामने आया, जो वर्षों बाद दोनों देशों के बीच नए रणनीतिक जुड़ाव का संकेत है।
उच्चस्तरीय कूटनीतिक वार्ताओं की फिर शुरुआत
अब्देलाती ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री इशाक डार के साथ विस्तृत बातचीत की। दोनों पक्षों ने गाज़ा और सूडान की स्थिति, साथ ही ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की। यह संवाद पिछले दस वर्षों से अधिक समय में दोनों देशों के बीच सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक मानी जा रही है।
संस्थागत ढांचे को फिर से सक्रिय करने पर सहमति
इशाक डार ने बताया कि पाकिस्तान–मिस्र जॉइंट मिनिस्ट्रियल कमीशन 2010 के बाद से नहीं मिली, न ही इस दौरान आधिकारिक राजनीतिक वार्ताएँ हुईं। अब राजनीतिक परामर्श 2026 की शुरुआत में फिर से शुरू होने की उम्मीद है। दोनों सरकारों ने सुनिश्चित उच्चस्तरीय संवाद के लिए पुराने संस्थागत ढांचे को पुनर्जीवित करने पर सहमति दी।
व्यापार और बिजनेस संबंधों में नई ऊर्जा
पाकिस्तान जल्द ही मिस्र के साथ 250 व्यापारिक संस्थानों की सूची साझा करेगा, जिससे व्यावसायिक संपर्क बढ़ेगा। पाकिस्तानी उद्यमियों के लिए वीज़ा प्रक्रिया को भी तेज किया जाएगा, और यह सूची तीन महीनों में बढ़ाकर 500 की जाएगी। दोनों देशों में प्राइवेट सेक्टर सहयोग को औपचारिक रूप देने के लिए पाकिस्तान–मिस्र बिजनेस काउंसिल बनाई जाएगी। इसके बाद एक द्विपक्षीय बिजनेस फोरम भी स्थापित किया जाएगा, जिसकी पहली बैठक 2026 के मध्य में काहिरा में होगी।
