प्रौद्योगिकी, वन्यजीव, संस्कृति और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर जानकारी।
XR क्रिएटर हैकथॉन
वेवलैप्स ने भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के साथ मिलकर एक्सटेंडेड रियलिटी (XR) क्रिएटर हैकथॉन का आयोजन किया है। यह WAVES 2025 पहल का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य मीडिया और मनोरंजन उद्योग में विचारों, सहयोग और नवाचार के लिए एक प्रमुख मंच बनना है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत को सामग्री निर्माण, प्रौद्योगिकी एकीकरण और रचनात्मक उद्योग विकास में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करना है।
इस हैकथॉन से युवा प्रतिभाओं को नए विचारों को प्रस्तुत करने और XR तकनीक के क्षेत्र में अपने कौशल दिखाने का अवसर मिलेगा। प्रतिभागियों को विभिन्न चुनौतियों पर काम करना होगा जिनमें वर्चुअल रियलिटी, ऑगमेंटेड रियलिटी और मिक्स्ड रियलिटी अनुभवों का निर्माण शामिल है। विजेताओं को पुरस्कार और उद्योग विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त होगा। यह पहल भारत के डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देने और XR तकनीक के क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
उत्तरी पिंटेल बत्तखें
अरुणाचल प्रदेश के तवांग में 13,500 फीट की ऊंचाई पर दुर्लभ उत्तरी पिंटेल बत्तखों का झुंड देखा गया है। वैज्ञानिक नाम अनास एक्यूटा से जानी जाने वाली ये बत्तखें एक प्रवासी जलपक्षी हैं, जो अपनी सुंदर उपस्थिति और आकर्षक व्यवहार के लिए प्रसिद्ध हैं। ये अंटार्कटिका को छोड़कर सभी महाद्वीपों में प्रवास करती हैं और भूमध्य रेखा के दक्षिण में रहने या प्रजनन करने से बचती हैं।
नर का रंग भूरा होता है और सिर चॉकलेटी रंग का होता है, जबकि मादाएँ मुख्य रूप से भूरे रंग की होती हैं। इन बत्तखों की लंबाई 60 सेमी से अधिक हो सकती है, वजन 1 किलोग्राम से ज्यादा होता है, और पंखों का फैलाव 91 सेमी तक होता है। इनका तवांग में मिलना वन्यजीव पर्यटन और पक्षी-प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है। पर्यावरणविदों के अनुसार, इन दुर्लभ प्रजातियों की उपस्थिति क्षेत्र के स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र का संकेत है।
सोलिगा जनजाति
प्रधानमंत्री ने अपने 119वें मन की बात कार्यक्रम में बिलिगिरी रंगास्वामी मंदिर टाइगर रिजर्व (बीआरटी) में रहने वाली सोलिगा जनजाति की बाघ संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका की प्रशंसा की है। सोलिगा तमिलनाडु और कर्नाटक में रहने वाले स्वदेशी वनवासी हैं। उनके नाम का अर्थ है “बांस के बच्चे”, जो प्रकृति के साथ उनके गहरे संबंध को दर्शाता है।
वे 2011 में बाघ अभयारण्य के अंदर अपने वन अधिकारों को मान्यता देने वाली पहली जनजाति बने थे। इस समुदाय के लोग शोलागा, कन्नड़ और तमिल भाषाएं बोलते हैं और परंपरागत रूप से बांस और मिट्टी की झोपड़ियों में रहते हैं। उनकी अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से झूम खेती, वन उपज संग्रह और शहद पर निर्भर करती है। वे हिंदू रीति-रिवाजों, प्रकृतिवाद और जीववाद का पालन करते हैं। उनका वन्यजीवों के साथ सद्भावपूर्ण संबंध और पारंपरिक ज्ञान बाघ संरक्षण के प्रयासों में अमूल्य साबित हुआ है।
महिला शांति सैनिकों पर सम्मेलन
नई दिल्ली में “शांति अभियान में महिलाएँ: एक वैश्विक दक्षिण परिप्रेक्ष्य” शीर्षक से महिला शांति सैनिकों पर दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना केंद्र द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सम्मेलन में मुख्य भाषण दिया, जबकि संयुक्त राष्ट्र का प्रतिनिधित्व जीन-पियरे लैक्रोइक्स और क्रिश्चियन सॉन्डर्स ने किया।
इस कार्यक्रम के दौरान महिला शांति सैनिकों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात की। सम्मेलन में शांति स्थापना तकनीक, प्रशिक्षण और वैश्विक दक्षिण के दृष्टिकोण से क्षेत्रीय सहयोग पर विशेष ध्यान दिया गया। इस आयोजन का उद्देश्य शांति मिशनों में महिलाओं की भूमिका को बढ़ावा देना और उनके सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करना था। सम्मेलन ने शांति प्रक्रियाओं में महिलाओं की अधिक भागीदारी के महत्व पर प्रकाश डाला।
भारत का पहला बायोपॉलिमर प्लांट
22 फरवरी 2025 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने लखीमपुर खीरी के कुंभी में भारत के पहले बायोपॉलिमर प्लांट की आधारशिला रखी। बलरामपुर शुगर मिल्स लिमिटेड द्वारा ₹2,850 करोड़ की लागत से निर्मित होने वाला यह प्लांट जैविक तरीकों का उपयोग करके पर्यावरण अनुकूल बायोपॉलिमर का उत्पादन करेगा। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक प्लास्टिक को टिकाऊ बायोपॉलिमर से प्रतिस्थापित करना है, जिससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
यह प्लांट न केवल स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगा, बल्कि देश के आत्मनिर्भरता और स्थिरता के लक्ष्यों को भी आगे बढ़ाएगा। इससे कृषि क्षेत्र को भी लाभ होगा, क्योंकि यह गन्ना किसानों के लिए उनके उत्पादों के लिए एक अतिरिक्त बाजार खोलेगा। यह पहल भारत को बायोपॉलिमर उत्पादन में अग्रणी बनाने और हरित प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेगी।
स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) का जन्म-पूर्व इलाज
क्लिनिकल न्यूरोसाइंटिस्ट ने एक नवीन उपलब्धि हासिल करते हुए जन्म से पहले एक बच्चे में स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) का सफल इलाज किया है। SMA एक आनुवंशिक विकार है जो मोटर न्यूरॉन्स को प्रभावित करता है, जिससे प्रगतिशील मांसपेशी कमज़ोरी होती है। इस बीमारी के पाँच प्रकार (0-4) हैं, जिन्हें शुरुआत की उम्र और गंभीरता के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।
SMN1 जीन में उत्परिवर्तन के कारण होने वाला यह रोग मुख्य रूप से शरीर के केंद्रीय भाग की मांसपेशियों को प्रभावित करता है, हालांकि हृदय जैसी अनैच्छिक मांसपेशियां इससे अप्रभावित रहती हैं। यह रोग लगभग 10,000 जन्मों में से 1 बच्चे को प्रभावित करता है और शिशु मृत्यु का एक प्रमुख आनुवंशिक कारण है। जन्म पूर्व इलाज की यह नई तकनीक इस गंभीर बीमारी के प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण कदम है और भविष्य में अन्य आनुवंशिक विकारों के उपचार के लिए नए रास्ते खोल सकती है।
महाराष्ट्र ओपन टेनिस टूर्नामेंट 2025
चेकिया के डैलिबोर स्वर्सिना ने अमेरिका के ब्रैंडन होल्ट को हराकर महाराष्ट्र ओपन टेनिस टूर्नामेंट 2025 में पुरुष एकल का खिताब जीता। फाइनल मुकाबला 23 फरवरी 2025 को पुणे के महालुंगे बालेवाड़ी स्टेडियम में खेला गया। एटीपी 100 चैलेंजर श्रेणी का यह टूर्नामेंट 17-23 फरवरी तक आयोजित किया गया, जिसमें $160,000 का कुल पुरस्कार पूल था।
इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में विश्व के कई शीर्ष टेनिस खिलाड़ियों ने भाग लिया। स्वर्सिना ने फाइनल में शानदार प्रदर्शन करते हुए होल्ट को सीधे सेटों में पराजित किया। यह जीत उनके करियर के महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है। महाराष्ट्र ओपन भारत के प्रमुख टेनिस आयोजनों में से एक है और टेनिस प्रेमियों के बीच काफी लोकप्रिय है। इस टूर्नामेंट ने देश में टेनिस को बढ़ावा देने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय टेनिस की प्रतिष्ठा को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कलक्कड़-मुंडनथुराई टाइगर रिजर्व
मानसून के बाद तमिलनाडु के कलक्कड़-मुंडनथुराई टाइगर रिजर्व (KMTR) के कलक्कड़ डिवीजन में वन्यजीवों की गणना शुरू हो गई है। दक्षिणी पश्चिमी घाट में स्थित यह अभयारण्य कलक्कड़ अभयारण्य, मुंडनथुराई अभयारण्य और कन्याकुमारी अभयारण्य के कुछ हिस्सों को मिलाकर बना है। केरल और तमिलनाडु की सीमा पर स्थित इस रिजर्व का मुख्य क्षेत्र अगस्त्य मलाई पहाड़ी श्रृंखला है।
विश्व के 18 जैव विविधता हॉटस्पॉट में से एक का हिस्सा होने के कारण यह क्षेत्र दुर्लभ वनस्पतियों और जीवों का निवास स्थान है। वन्यजीव गणना का उद्देश्य अभयारण्य में मौजूद विभिन्न प्रजातियों की संख्या का आकलन करना और उनके संरक्षण के लिए उचित रणनीतियां विकसित करना है। वन विभाग के अधिकारियों और वन्यजीव विशेषज्ञों की टीमें विभिन्न क्षेत्रों में गणना कार्य कर रही हैं, जिससे बाघों सहित अन्य वन्यजीवों की स्थिति का सटीक आकलन किया जा सके।
कार्बन मार्केट्स-प्रकृति पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन
24-25 फरवरी 2025 को नई दिल्ली में कार्बन मार्केट्स-प्रकृति पर पहला अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। इस आयोजन में कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग के विशेषज्ञ, नीति निर्माता, उद्योग के नेता, शोधकर्ता और व्यवसायी एकत्रित हुए। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य वैश्विक कार्बन क्रेडिट रुझानों पर चर्चा करते हुए भारतीय कार्बन बाजार को समझना और उसका विस्तार करना था।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के अंतर्गत ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय ऊर्जा और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किया। सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन से निपटने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए कार्बन बाजारों की भूमिका पर विशेष जोर दिया गया। विशेषज्ञों ने भारत में स्वैच्छिक कार्बन बाजार विकसित करने के लिए आवश्यक नीतिगत ढांचे और बाजार तंत्र पर चर्चा की। यह आयोजन भारत के हरित विकास और नेट-जीरो लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
RS-24 यार्स अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल
रूस ने अपने लड़ाकू गश्ती मार्गों पर परमाणु वारहेड से लैस RS-24 यार्स अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों (ICBM) को तैनात किया है। नाटो द्वारा SS-29 के नाम से जानी जाने वाली यह मिसाइल प्रणाली फरवरी 2010 में रूसी सेना में शामिल की गई थी। यह रूस की SS-27 (टोपोल एम) और बुलावा (SS-NX-32) मिसाइलों के डिजाइन पर आधारित है। RS-24 यार्स एक तीन-चरणीय, ठोस ईंधन वाली मिसाइल है, जिसे साइलो या मोबाइल लॉन्चर से प्रक्षेपित किया जा सकता है।
इसकी मारक क्षमता 2,000 से 10,500 किलोमीटर तक है और यह एक साथ 10 परमाणु वारहेड तक ले जाने में सक्षम है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस मिसाइल प्रणाली की तैनाती वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य और सामरिक संतुलन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है। यह कदम अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता का विषय बन गया है और परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ताओं पर इसके प्रभावों की समीक्षा की जा रही है।
जलवायु परिवर्तन और टेम्स नदी
एक नए अध्ययन से पता चला है कि फॉस्फोरस के स्तर में 40 साल की गिरावट के बावजूद जलवायु परिवर्तन टेम्स नदी में शैवाल के खिलने की घटनाओं को बढ़ा रहा है। 346 किलोमीटर लंबी टेम्स नदी दक्षिणी इंग्लैंड की सबसे लंबी और यूके की दूसरी सबसे लंबी नदी है। यह ग्लूस्टरशायर में टेम्स हेड से शुरू होकर उत्तरी सागर में टेम्स मुहाना के माध्यम से समाप्त होती है।
16,130 वर्ग किलोमीटर में फैले इसके जलग्रहण क्षेत्र में लंदन, ऑक्सफोर्ड और विंडसर जैसे महत्वपूर्ण शहर स्थित हैं। यह नदी लंदन के लगभग दो-तिहाई पेयजल की आपूर्ति करती है और ऐतिहासिक रूप से एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग रही है। ग्रेटर लंदन क्षेत्र में टेम्स पर 16 प्रमुख पुल हैं, जिनमें गोल्डन जुबली और मिलेनियम ब्रिज भी शामिल हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि बढ़ते तापमान और जल प्रवाह में परिवर्तन के कारण शैवाल वृद्धि में वृद्धि हो रही है, जो नदी के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए चिंता का विषय है।
ट्राइफेड के नए समझौते
ट्राइफेड ने आदिवासी उद्यमिता और आर्थिक समावेशन को बढ़ावा देने के लिए रिलायंस रिटेल, एचसीएल फाउंडेशन और तोराजामेलो इंडोनेशिया के साथ महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ट्राइफेड) की स्थापना अगस्त 1987 में बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 1984 के तहत की गई थी।
यह संगठन आदिवासी समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए आदिवासी उत्पादों के विपणन को बढ़ावा देता है। इसके अधिदेश में आदिवासियों द्वारा एकत्रित या उत्पादित लघु वन उपज (एमएफपी) और अधिशेष कृषि उपज (एसएपी) के व्यापार को संस्थागत बनाना शामिल है। नए समझौतों से आदिवासी कलाकारों और उत्पादकों को अपने उत्पादों के लिए व्यापक बाजार तक पहुंच मिलेगी। यह साझेदारी आदिवासी समुदायों की आजीविका में सुधार करने और उनकी समृद्ध संस्कृति और कौशल को बढ़ावा देने में मदद करेगी।
