Five Most Significant World Events Quiz-January-2025

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (FSR) के अनुसार:


2024-25 में भारत की अर्थव्यवस्था के 6.6% की दर से विकास का अनुमान है। यह वृद्धि निम्नलिखित कारकों से प्रेरित होगी:

  • ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोग व्यय में सुधार,
  • सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे और विकास योजनाओं पर सरकारी खर्च में वृद्धि,
  • सूचना प्रौद्योगिकी (IT), पर्यटन और अन्य सेवा क्षेत्रों के निर्यात में स्थिरता।

रिपोर्ट में बैंकिंग क्षेत्र को भी सुदृढ़ बताया गया है। अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (SCBs) की मजबूती के प्रमुख कारण हैं:

  • लाभ में उल्लेखनीय बढ़ोतरी,
  • गैर-निष्पादित संपत्तियों (NPAs) में गिरावट,
  • पूंजी पर्याप्तता अनुपात (CAR) और तरलता भंडार में सुधार।

यह आर्थिक स्थिरता और नीतिगत सुधारों के प्रति सकारात्मक संकेत देता है।


नोट: यह जानकारी RBI की रिपोर्ट पर आधारित है

प्रमुख बिंदु:

  • पाकिस्तान परमाणु नियामक प्राधिकरण (PNRA) ने संयंत्र के सुरक्षा मानकों, विकिरण नियंत्रण और पर्यावरणीय प्रभावों की जाँच के बाद लाइसेंस प्रदान किया
  • इस परियोजना की अनुमानित लागत 3.7 अरब अमेरिकी डॉलर है।
  • यह हुआलोंग-थ्री डिज़ाइन वाला पाकिस्तान का तीसरा परमाणु संयंत्र है।
  • वर्तमान में, परमाणु ऊर्जा देश की कुल बिजली उत्पादन का 27% योगदान देती है।
  • पाकिस्तान की परमाणु ऊर्जा क्षमता अब 3,530 मेगावाट तक पहुँच गई है, जो ऊर्जा सुरक्षा और जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगी।

नोट: यह जानकारी सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित है

न्यूट्रिनो क्या हैं :

  • न्यूट्रिनो अत्यंत छोटे और विद्युत रूप से तटस्थ कण हैं, जिन्हें पहली बार 1959 में खोजा गया था।
  • ये फोटॉन के बाद ब्रह्मांड में सबसे अधिक संख्या में मौजूद कण हैं।
  • इन्हें “भूत कण” भी कहा जाता है, क्योंकि ये पदार्थ के साथ बहुत कम ही इंटरैक्ट करते हैं।

न्यूट्रिनो का पता लगाने की चुनौती:

  • न्यूट्रिनो का पता लगाना अत्यंत कठिन है, क्योंकि ये पदार्थ के साथ बहुत कम प्रतिक्रिया करते हैं।
  • KM3NeT इस समस्या को हल करने के लिए समुद्र के पानी का उपयोग करता है। जब न्यूट्रिनो पानी के अणुओं से टकराते हैं, तो वे चेरेनकोव विकिरण उत्पन्न करते हैं। यह विकिरण टेलीस्कोप द्वारा पकड़ा जाता है।

KM3NeT का महत्व:

  • यह टेलीस्कोप ब्रह्मांड की गहराइयों से आने वाले न्यूट्रिनो का अध्ययन करके वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने में मदद करेगा।
  • यह प्रयास खगोल विज्ञान और कण भौतिकी के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग साबित हो सकता है।


भारतीय नौसेना ने 15 जनवरी 2025 को तीन अत्याधुनिक युद्धपोतों को अपने बेड़े में शामिल किया। इनमें INS नीलगिरि, INS सूरत, और INS वाग्शीर शामिल हैं। यह कदम भारत की समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करेगा।

INS सूरत: एक अद्वितीय युद्धपोत

  • INS सूरत प्रोजेक्ट-15B विशाखापत्तनम क्लास का चौथा और अंतिम स्टील्थ विध्वंसक है।
  • इसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिज़ाइन किया गया है और मझगांव डॉक लिमिटेड द्वारा निर्मित किया गया है।
  • यह जहाज 72% स्वदेशी सामग्री से बना है और भारत का पहला AI-सक्षम युद्धपोत है।

प्रमुख विशेषताएँ:

  • विस्थापन: 7,400 टन
  • लंबाई: 163 मीटर
  • गति: 60 किमी/घंटा तक
  • रेंज: 15,000 किमी
  • हथियार: ब्रह्मोस मिसाइलें, बराक-8 मिसाइलें, और उन्नत पनडुब्बी रोधी हथियार

महत्व:

  • यह जहाज भारतीय नौसेना की रणनीतिक क्षमताओं को बढ़ाएगा और देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करेगा।
  • INS सूरत जैसे जहाजों का निर्माण आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

चीन ने हाल ही में CR450 नामक दुनिया की सबसे तेज हाई-स्पीड ट्रेन का प्रोटोटाइप लॉन्च किया है। यह ट्रेन 450 किमी/घंटा की परीक्षण गति और 400 किमी/घंटा की वाणिज्यिक गति तक पहुँच सकती है। यह चीन की पिछली CR400 फ़क्सिंग ट्रेन (350 किमी/घंटा) से काफी आगे है और गति, ऊर्जा दक्षता, सुरक्षा और यात्री आराम के मामले में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।


विकास और परीक्षण:

  • CR450 को 200,000 किलोमीटर के परीक्षण, 3,000 सिमुलेशन, और 2,000 प्लेटफ़ॉर्म परीक्षणों के माध्यम से विकसित किया गया है।
  • इसमें वाटर-कूल्ड ट्रैक्शन सिस्टम, उच्च स्थिरता वाली बोगियाँ, और ऊर्जा उपयोग में 20% की कमी जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग किया गया है।

यात्री सुविधाएँ:

  • ट्रेन में शोर कम करने वाली तकनीक, विशाल केबिन, और साइकिल तथा व्हीलचेयर के लिए भंडारण स्थान शामिल हैं, जो यात्रियों के आराम को बढ़ाते हैं।

चीन की भविष्य की योजनाएँ:

  • चीन की योजना 2035 तक अपने हाई-स्पीड रेल नेटवर्क को 70,000 किलोमीटर तक विस्तारित करने की है।
  • CR450 इस योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और चीन के तकनीकी नवाचार और बुनियादी ढाँचे के विकास को दर्शाता है।

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