राष्ट्रीय महिला दिवस – सरोजिनी नायडू की जयंती
राष्ट्रीय महिला दिवस का महत्व
भारत में हर साल 13 फरवरी को सरोजिनी नायडू की जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। सरोजिनी नायडू एक स्वतंत्रता सेनानी, कवि और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष (1925) थीं।
सरोजिनी नायडू का जीवन और योगदान
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
- सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 को हैदराबाद में हुआ था।
- उन्होंने किंग्स कॉलेज, लंदन और गिर्टन कॉलेज, कैंब्रिज में अध्ययन किया।
स्वतंत्रता संग्राम में योगदान
- 1925 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष बनीं।
- 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन और 1930 के नमक सत्याग्रह में सक्रिय भागीदारी।
कविता और साहित्य
“भारत की कोकिला” के रूप में प्रसिद्ध, उनकी प्रमुख रचनाएँ:
- गोल्डन थ्रेशोल्ड
- द बर्ड ऑफ टाइम
- द ब्रोकन विंग
महिला सशक्तिकरण और सामाजिक सुधार
सरोजिनी नायडू ने महिला सशक्तिकरण के लिए किए गए महत्वपूर्ण कार्य:
- महिलाओं की शिक्षा और अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठाई।
- सामाजिक सुधार आंदोलनों में सक्रिय भागीदारी।
- महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए निरंतर प्रयास।
प्रभाव और विरासत
सरोजिनी नायडू का जीवन और कार्य आज भी नई पीढ़ियों को प्रेरित करता है। उनका योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और महिला सशक्तिकरण में अमूल्य है।
