प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देहरादून में 38वें राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन किया
इंदौर और उदयपुर को वेटलैंड सिटी प्रमाणन की मान्यता
मध्य प्रदेश के इंदौर और राजस्थान के उदयपुर को आर्द्रभूमि पर रामसर कन्वेंशन के तहत वेटलैंड सिटी प्रमाणन के रूप में मान्यता दी गई है। ये भारतीय शहर दुनिया भर के उन 31 शहरों की सूची में शामिल हैं जिन्हें वेटलैंड सिटी प्रमाणन शहरों का प्रतिष्ठित दर्जा दिया गया है।
आर्द्रभूमि (वेटलैंड), भूमि या तटीय क्षेत्र के वे क्षेत्र हैं जहां पानी पूरे वर्ष या वर्ष के दौरान एक विशेष अवधि के लिए, मिट्टी को ढक रखा है या मिट्टी की सतह पर या उसके निकट मौजूद रहता है।
इससे पहले केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने तीन भारतीय शहरों, इंदौर और मध्य प्रदेश के भोपाल और उदयपुर को पहले वेटलैंड सिटी प्रमाणन के लिए नामित किया था। इंदौर और उदयपुर वेटलैंड सिटी प्रमाणन का दर्जा पाने वाले पहले भारतीय शहर हैं।
चीन के अधिकतम 9 शहरों को वेटलैंड सिटी प्रमाणन का दर्जा दिया गया है।
इंदौर और उदयपुर के बारे में
- इंदौर की स्थापना होल्कर राजवंश ने की थी और यह भारत का सबसे स्वच्छ शहर है। इंदौर के भीतर, एक रामसर साइट, सिरपुर झील स्थित है जो एक महत्वपूर्ण जलपक्षी स्थल है।
- राजस्थान का उदयपुर शहर भारत में झीलों के शहर के रूप में प्रसिद्ध है। यह पाँच प्रमुख आर्द्रभूमि- रंग सागर, पिछोला, दूध तलाई, फतेह सागर और स्वरूप सागर द्वारा घिरा हुआ है।
वेटलैंड सिटी प्रमाणन क्या है?
2015 में उरुग्वे के पुंटा डेल एस्टे शहर में आयोजित रामसर कन्वेंशन के अनुबंधकारी दलों के सम्मेलन (सीओपी) की 12वीं बैठक में वेटलैंड सिटी प्रमाणन योजना को मंजूर किया गया था।
वेटलैंड सिटी प्रमाणन एक स्वैच्छिक योजना है जो 172 सदस्य देशों के शहरों को शहरी क्षेत्रों में अपने प्राकृतिक या मानव निर्मित आर्द्रभूमि की सुरक्षा के लिए कदम उठाने के लिए मान्यता देती है।
वेटलैंड सिटी प्रमाणन योजना का उद्देश्य शहरी और पेरी-अर्बन आर्द्रभूमि (शहर और कस्बे के आसपास स्थित वेटलैंड्स) के संरक्षण और बुद्धिमानी से उपयोग को बढ़ावा देना है।
संरक्षित आर्द्रभूमि स्थानीय आबादी के लिए स्थायी सामाजिक-आर्थिक लाभ को बढ़ावा देंगे।
आर्द्रभूमि पर रामसर कन्वेंशन
- पारिस्थितिक रूप से नाजुक आर्द्रभूमि स्थलों की रक्षा के लिए 1971 में ईरानी शहर रामसर में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था, ताकि दुनिया भर में आर्द्रभूमि के संरक्षण और संरक्षण पर अंतर्राष्ट्रीय सहमति बनाई जा सके।
- रामसर कन्वेंशन के नाम से प्रसिद्ध यह समझौता 1975 में लागू हुआ।
- 85 भारतीय आर्द्रभूमियों को रामसर स्थल घोषित किया गया है।
38वें ग्रीष्मकालीन राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 जनवरी 2025 को देहरादून, उत्तराखंड में 38वें ग्रीष्मकालीन राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन किया। गोवा ने 25 सितंबर से 9 नवंबर 2023 तक 37वें ग्रीष्मकालीन राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी की थी जिसमें, महाराष्ट्र 228 पदकों – 80 स्वर्ण, 69 रजत और 79 कांस्य के साथ पदक तालिका में शीर्ष था।
उत्तराखंड पहली बार ग्रीष्मकालीन राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी कर रहा है और यह 28 जनवरी -14 फरवरी 2025 तक राज्य के 12 शहरों में आयोजित किया जाएगा।
‘हरित खेल’ के विषय के साथ आयोजित, 38वें राष्ट्रीय खेलों में पुनर्चक्रण योग्य सामग्री, वर्षा जल संचयन, पर्यावरण-अनुकूल परिवहन प्रणाली आदि का उपयोग किया जा रहा है। इसका उद्देश्य व्यक्तियों और संगठनों को पर्यावरण-अनुकूल और टिकाऊ प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रेरित करना है।
उद्घाटन समारोह के मुख्य बिन्दु
- उद्घाटन समारोह उत्तराखंड के देहरादून के राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित किया गया था।
- इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद थे।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 पेरिस ओलंपिक के सेमीफाइनलिस्ट बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन से तेजस्विनी नामक राष्ट्रीय खेल की मशाल प्राप्त की।
- राष्ट्रीय खेलों की मशाल ने उत्तराखंड के 13 जिलों में 4000 किमी की यात्रा तय की।
- उद्घाटन समारोह की शुरुआत शास्त्रीय नृत्य ‘तांडव’ से हुई, जो भगवान शिव की स्तुति है।
- खेलों के उद्घाटन के अवसर पर 2025 शंख बजाए गए।
- अपने भाषण के दौरान, प्रधान मंत्री मोदी ने 2036 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक को भारत में लाने के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
38वें ग्रीष्मकालीन राष्ट्रीय खेलों के बारे में
38वें ग्रीष्मकालीन राष्ट्रीय खेलों का आयोजन भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा उत्तराखंड सरकार के सहयोग से किया जा रहा है।
राष्ट्रीय खेलों में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और संस्थानों के लगभग 10,000 एथलीट और अधिकारी भाग ले रहे हैं।
- खेल का शुभंकर – मौली, मौली एक मोनाल पक्षी है जो उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश का राज्य पक्षी भी है। मोनाल पक्षी हिमालय का मूल निवासी है।
- खेल आयोजन – 32 खेल और चार प्रदर्शन खेल- मल्लखंब, कलारीपयट्टू, राफ्टिंग और योगासन शामिल हैं।
- मेजबान शहर – 12 -देहरादून, हरिद्वार, टेहरी, रुद्रपुर, ऋषिकेश, हलद्वानी, टनकपुर, पिथौरागढ, अल्मोडा, नैनीताल, भीमताल और खटीमा।
ग्रीष्मकालीन राष्ट्रीय खेलों के बारे में
- ग्रीष्मकालीन राष्ट्रीय खेल ओलंपिक खेलों की तर्ज़ पर भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा आयोजित किया जाता है और किसी एक राज्य सरकार द्वारा इसकी मेजबानी की जाती है।
- 24वें राष्ट्रीय खेल 1970 तक, ग्रीष्मकालीन राष्ट्रीय खेल हर दो साल में आयोजित किए जाते थे, लेकिन तब से, वे अनियमित रूप से आयोजित किए जा रहें हैं।
- पहला राष्ट्रीय खेल 1924 में लाहौर (अब पाकिस्तान में) में आयोजित किया गया था और इसे अखिल भारतीय ओलंपिक खेल कहा गया था। 1940 में बॉम्बे (अब मुंबई) में 9वें संस्करण में इसका नाम बदलकर राष्ट्रीय खेल कर दिया गया।
