लॉस एंजिल्स  चिड़ियाघर  की सहायता से बिहार में  घड़ियाल और कछुओं के लिए पहला इनक्यूबेशन  सेंटर  स्थापित किया जाएगा

2014 में बिहार सरकार द्वारा डब्ल्यूटीआई (WTI) के सहयोग से गंडक नदी में  शुरू की गई घड़ियाल संरक्षण परियोजना , जिसमे पहले घड़ियाल की संख्या 30 थी ,जो अभी वर्तमान में 217 है।

यह परियोजना 284 किलोमीटर तक में फैली है। ये परियोजनाएं बिहार जिला के बेतिया (पश्चिम चंपारण) में शुरू की जाएगी।इस परियोजना को शुरू करने में अमेरिका में स्थित कैलिफोर्निया राज्य में लॉस एंजिल्स  इस चिड़ियाघर के सहयोग से शुरू करेगा । लॉस एंजिल्स चिड़ियाघर एक सीट इन्क्यूबेशन के माध्यम से चल रहे संरक्षण प्रयास को मजबूत करने का प्रयास किया जाएगा । जिससे घड़ियाल के लिए प्रजनन स्तर तैयार किया जा सकेगा।

बिहार सरकार ने घड़ियाल और कछुओं के लिए राज्य का पहला प्रजनन केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। ‘एक्स-सीटू’ संरक्षण का मतलब है किसी लुप्तप्राय प्रजाति को उसके प्राकृतिक आवास के बाहर संरक्षित करना। इस प्रक्रिया के माध्यम से जारी संरक्षण प्रयासों को मजबूत करने और घड़ियाल व कछुओं के बच्चों को सुरक्षित रूप से नदी में छोड़ने में सहायता करने के लिए अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य स्थित लॉस एंजिल्स  चिड़ियाघर मदद करेगा।

भारत में पहला सफल प्रजनन स्थल -चम्बल नदी पर खोला गया था। इस परियोजना का नाम राष्ट्रीय चम्बल अभयारण था।

भारत में दूसरा सफल प्रजनन स्थल-गंडक नदी पर खोला गया था। इस परियोजना का नाम घड़ियाल संरक्षण परियोजना था।

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